हम रा हैं। हम हमारे अनंत रचयिता के प्रेम और रोशनी में आपका स्वागत करते है। हम इस मन/शरीर/आत्मा समूह के साथ है, जिसने स्वयं को एक चैनल के रूप में प्रस्तुत किया है। हम आपसे संवाद करतें है।

इस समय/स्थान में आपके मन-विकृति के कल्पना में कई सवाल एक क्रम में है। इस प्रकार हम इस समूह को आश्वस्त करतें है कि हमारे अपने सामूहिक स्मृति समूह में, उन कुछ लोगों के साथ संवाद करने का एक विशेष तरीका है जो हमारी विकृतियों के साथ अपनी विकृतियों का सामंजस्य बिठाने में सक्षम हो सकते है, और वह है जानकारी के लिए सवालों का जवाब देना। हम इस फॉर्मेट को लेकर सहज है। अब सवाल शुरू हो सकते है।

मैं अनुमान लगा रहा हूं कि आप जो कहना चाह रहे है उसे समझने के लिए काफी लोग होंगे और उसमें रुचि रखते होंगे, ताकि हम इसके साथ हमारे इस संवाद की एक किताब बना सकें, और मैं यह जानने को उत्सुक हूँ कि क्या आप इस बात से सहमत होंगे कि हम एक किताब बना रहे हैं। यदि ऐसा है तो, मैं यह सोच रहा था कि संभवतः आपके बारे में थोड़ी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एक क्रम में देना ठीक रहेगा।

हम रा हैं। एक दूसरे के साथ इस तरह बात करने कि संभावना जिसमे हम बातों के मतलब को स्वीकार कर सकते है, यही कारण है कि हमने आपके इस समूह से संपर्क किया है। ऐसे बहुत कम लोग है, जो बिना किसी भी विशेष विकृति के इस जानकारी के गहराई को समझ पाएंगे, जिसे हम इस मन/शरीर/आत्मा समूह के साथ संबंध के माध्यम से संवाद कर रहे है।

हालाँकि, यदि आपको हमारे संपर्क को दूसरों के साथ साझा करने की इच्छा है, तो हमारी उस धारणा के प्रति विकृति है कि यह आपके स्वयं के जीवन के पैटर्नस को आपके अनुभव के स्तर के अनुसार, नियमित और क्रिस्टलीकृत करने में सबसे अधिक सहायक होगा। यदि एक जाग गया तो क्या सब नही जाग गए? इसलिए आपकी जैसी इच्छा होगी वैसा ही हम आपके लिये बात करने का झुकाव बना लेंगे। सिखाना/सीखना एक के नियम का सबसे प्रमुख हिस्सा है।

क्या आप हमें आपके ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे मे बता सकते है, इस भ्रम में आपके पहले का समय, शायद आप इस ग्रह में आपके जन्म के बारे मे बता सकते है जिसके बारे मे आपने पहले बताया था, और इस ग्रह के पहले की जातियो के बारे मे बताये जिनसे आपने संपर्क किया था? तब हमारे पास इस किताब को लिखने की शुरुआत करने के लिये कुछ होगा।

हम रा हैं। हमें पता है कि आपका मन/शरीर सिखानें/सीखनें के उपकरण बनाने के लिए सही तरीकों की गणना कर रहा है। हम जानते है कि आपको हमारे जन्म के बारे मे जानने में ज्यादा रूचि है। हम दूसरे सवालों की प्रतीक्षा कर रहे है जिसमे आप अपने समय/स्थान के कई हजारों वर्षों के इतिहास के बारे में जानने मे ज्यादा ध्यान देंगे, जिसके बारे में काफी गलत जानकारियां है। इस प्रकार यह सारी जानकारियां देकर, हम यह आशा करते है कि आप हमारे उन अनुभवो को जानने में ज्यादा ज़ोर ना डालें जो हमने आपके स्थानिय स्थान/समय में लिये है। सिखाने/सीखने की हमारी जिम्मेदारी आपको ऐतिहासिक जानकारी ना देकर दार्शनिक जानकारी देना है। यदि इन जानकारियों का मूल्यांकन सही तरीके से हो तो हम आपको उतनी ही जानकारी देना चाहते है जो आपके लिए हानिरहीत हो।

हम उस महासंघ के है जो, आपके ग्यारह हजार वर्षों पूर्व, आप ही के ग्रह के दो सभ्यताओं के पास आए थे जो उस समय निकटता से एक रचयिता के रचना के संपर्क में थे। हमारा अनुभवहीन विश्वास था कि हम सीधे संपर्क से सिखा/सीख पाएंगे, और व्यक्तिगत भावनाओं या व्यक्तित्व की स्वतंत्र इच्छा की विकृतियों पर कोई खतरा भी नहीं होगा, हमने सोचा कि, कहीं वो लोग परेशान ना हो जाए, क्योंकि यह सभ्यतायें पहले से ही आपस में सभी के जीवित-अवस्था या चेतना के स्तर में सभी में व्याप्त विश्वास के साथ निकटता से जुड़ी हुई थी।

हम आए तो उन्होंने हमारा स्वागत भी किया जिन्हें हम अपनी सेवा देना चाहते थे। हमने उन्हें वो तरीक़े बताने की कोशिश की जिसके द्वारा वो अपने मन/शरीर/आत्मा के विकृतियों को क्रिस्टलस के द्वारा ठीक कर सकते थे, जो हर विकृति के हिसाब से समय/स्थान के अनुपात में अलग-अलग जगहों पर रखकर किया जाता था। इस प्रकार पिरामिड़ों का निर्माण किया गया था।

हमने पाया कि इन तरीकों का इस्तेमाल उन मन/शरीर के लिए आरक्षित था जो कि ताकत की विकृति मे ज्यादा प्रभावशाली थे। यह एक के नियम के विचारों के खिलाफ था। हम आपके लोगों को छोड़कर चले गए। वो समूह जो दक्षिण अमेरिका के लोगों के साथ काम कर रहा था, उन्होंने इतनी आसानी से हार नहीं मानी थी। वो लोग भी वापस चले गए। परन्तु हम नहीं गए। हालांकि हमने अपनी जिम्मेदारी के कारण आपकी कंपनता को कभी भी छोड़ा नहीं था जो हमारे द्वारा पहले आपके चेतना में बदलाव करने से हुआ था और फिर उन्हें उन तरीकों से विकृत पाया गया जो एक के नियम के अंतर्गत नहीं आते है। हमने उन शासकों से मिलने का प्रयास किया जिस जमीन पर हम आए थे जिसे आप मिश्र के नाम से जानते है, या कुछ अन्य स्थान पर भी गए थे, जिसे आप पवित्र भूमि कहते है।

आपके स्थान/समय विकृतियों के दस्तावेजों के अनुसार अठारहवें राजवंश मे, हम एक फ़ेरो, जैसा कि आप इसे कहते है, के साथ संपर्क करने में कामयाब हो गए। उस व्यक्ति के जीवन का अनुभव इस ग्रह में काफी छोटा था और…जिसे यह उपकरण घुमक्कड़ कहेगी। इस प्रकार इस मन/शरीर/आत्मा समूह नें हमारे संपर्क-विकृतियों को प्राप्त किया और अपनी विकृतियों को हमारे अपने विकृतियों के साथ मिलाने में सक्षम था।

इस युवा इकाई को ध्वनि का एक कंपनात्मक समूह दिया गया था जो एक समृद्ध देवता के सम्मान में कंपनता करता था, जैसे कि यह मन/शरीर परिसर, जिसे हम सुविधा के लिए उपकरण कहते हैं, उसे “अमुन” कहेंगे। इस इकाई ने फैसला किया कि यह नाम उनके कई देवताओं में से एक का नाम होने के कारण, उसे उसके कंपनात्मक ध्वनि समूह में शामिल करना स्वीकार्य नहीं था। इस प्रकार उसने अपना नाम बदलकर कर सूर्य के डिस्क के सम्मान में रख लिया। यह विकृति, जिसे “एटेन” कहा जाता है, हमारी वास्तविकता के करीब की विकृति थी क्योंकि हम मन/शरीर/आत्मा-समूह विकृति की अपनी प्रकृति को समझते हैं। हालाँकि, वो पूरी तरह से हमारे द्वारा इच्छित उस सीखने/सिखाने के अनुरूप नहीं था जो भेजा गया था। यह इकाई, अखेनातेन, पूरी तरह से आश्वस्त हो गया था कि एक की कंपनता ही सही आध्यात्मिक कंपनता है और इस प्रकार उसने एक के नियम को लोगों तक पहुंचाने का आदेश दिया।

हालांकि इस इकाई के मान्यताओं को बहुत कम लोगों ने स्वीकार किया था। उसके पुजारियों ने इस ज्ञान को समझने की कोशिश नहीं की बस दिखावा किया। लोगो ने अपनी मान्यताओ को मानना ज़ारी रखा। यह इकाई जब इस घनत्वता में नहीं रहा तब वो ध्रुवीकृत मान्यताएं जो अलग-अलग भगवानों से जुड़ी हुई थी, वह वापस आ गई और तब तक चलती रही जब तक कि जिसे मोहम्मद के नाम से जाना जाता था, उन्होंने लोगों को मन/शरीर/आत्मा के संबंधों की अधिक समझदार विकृति से अवगत कराया।

क्या आपको इस समय इसे अधिक विस्तारपूर्वक जानने में दिलचस्पी है?

हमें पूरी कहानी में बहुत दिलचस्पी है जो आप बता रहें है और एक के नियम के बारे मे भी काफी विस्तार से जानना है। हो सकता है जब हम आगे बढेंगे तब मैं ऐसे कई सवाल पूछूंगा जो सीधे एक के नियम को समझने से संबंधित हो सकते है या नहीं भी हो सकते है। हालाँकि, मेरा मानना है कि इसे पढ़ने वाले ग्रह की आबादी के लिए यह एक सिखाने/सीखने के माध्यम के रूप में प्रस्तुत करने का एक उचित तरीका है, इस समय, हमें आपके द्वारा बताई गई जानकारियों के विभिन्न पहलुओं की जांच करना है।

आपने हमें क्रिस्टल के द्वारा हीलिंग करने की विधि बताई थी। (एक बात मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब उपकरण थक जाए तब हम यह संपर्क को काटकर थोड़ी देर बाद उपकरण के फिर से चार्ज होने पर फिर से स्थापित करना चाहेंगे।) और यदि उपकरण इस समय ठीक है तो मैं यह चाहता हूं कि आप क्रिस्टल के द्वारा हीलिंग की थोड़ी चर्चा करें जो आप अभी बता रहे थे।

हम रा हैं। क्रिस्टल से हीलिंग का सिद्धांत इस भ्रम के संरचना की श्रेणीबद्ध प्रकृति के समझदारी पर आधारित है जो कि भौतिक शरीर है, जैसा कि आप इसे कहते है। कुछ क्रिस्टल उन ऊर्जाओं पर काम करते है जो आध्यात्मिक शरीर के अंदर जाती है; कुछ क्रिस्टल उन विकृतियो पर काम करते है जो आत्मा से दिमाग में जाती है; तो कुछ क्रिस्टल्स दिमाग और शरीर के बीच होने वाले विकृतियों को संतुलित करती है। इन सभी क्रिस्टल से होने वाले हीलिंग को शुद्ध माध्यमों के द्वारा चार्ज करना पड़ता है। क्रिस्टल के साथ काम करने वाला हीलर, बिना किसी सापेक्ष क्रिस्टलीकरण के हो तो, वो क्रिस्टल ठीक से चार्ज नहीं होगा।

अन्य घटक है, जिस ग्रह में आप रह रहें है उसके ऊर्जा क्षेत्र का, और पवित्र या ब्रह्मांड के ऊर्जा प्रवाह के साथ, ठीक से एक सीध में होना, जो इस ग्रह के ऑरा में कुछ इस तरह से प्रवेश करती है कि यह एक उचित अनुपात का आकार और उस आकार के भीतर रहने वालों के लिये, सुलझाने या संतुलित करने के कार्य में मदद का संकेत देती है।

यदि हम इन सभी क्रिस्टल के इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताएंगे तो शायद यह इस उपकरण के लिए थकाने वाला हो, हालांकि यदि आप इस बारे में दूसरा सत्र चाहते है तो आप हमें पूछ सकते है। हम कहेंगे, क्रिस्टल को चुनने की बारिकी काफ़ी जटिल कार्य है और, असल में क्रिस्टलीय संरचना जैसे हीरा या माणिक का इस्तेमाल उन्ही पवित्र चैनल के द्वारा हो सकता है जो हर समय एक के प्रेम/रोशनी से भरे हुए होते है।

निःसंदेह, क्रिस्टल को चार्ज करने के लिए, शुरुआत की प्रक्रिया करने की आवश्यकता होती है, और एक बार शुरुआत की प्रक्रिया करने के कारण उत्पन्न होने वाली विभिन्न विकृतियों के माध्यम से प्रगति की सीमा तक दृढ़ रहने वाले बहुत ही कम लोग है।

क्या हम आगे इस विषय पर या किसी और विषय पर संक्षेप में बताएं?

हाँ। आपने बताया था कि यह सारे पिरामिड इसी के परिणाम थे। क्या आप थोड़ा विस्तार से इस बारे में बता सकते है कि—क्या आप ही पिरामिड को बनाने के लिए जिम्मेदार थे, और पिरामिड बनाने का उद्देश्य क्या था?

हम रा हैं। बड़े पिरामिड हमारे क्षमता के द्वारा एक की ताकत का उपयोग करके बनाए गए थे। पत्थर जीवित है। यह आपके संस्कृति के मन/शरीर/आत्मा [समूह] के विकृतियों के कारण इतना समझ नहीं आता है। पिरामिड को बनाने के दो उद्देश्य थे:

पहला, उन लोगों के लिये शुरुआत की क्रिया के लिए उपयुक्त झुकाव वाला जगह बनाना जो कि एक के नियम के लिए शुद्ध या दीक्षित चैनल बनना चाहते थे।

दूसरा, हम लोग उन लोगों का सावधानी से मार्गदर्शन करना चाहते थे जो दीक्षा लेना चाहते है ताकि वह लोग हीलिंग की तरीकों को विकसित करके उन लोगों की हीलिंग करें जिनकी वह सहायता करना चाहते थे, और साथ-साथ इस ग्रह की भी हीलिंग कर सके। हमने एक के बाद एक पिरामिड बनाना शुरू किया, तथा उसे क्रिस्टल और शुरुआत की क्रिया के द्वारा चार्ज किया, इसकी बनावट कुछ इस तरह से बनाई गई ताकि एक रचना से आने वाली ऊर्जा से, इस ग्रह के मन/शरीर/आत्मा के कई तथा बहु विकृतियों के बीच संतुलन बनाया जा सके। इस प्रयास में हम यह काम जारी रखने मे सक्षम रहे जो महासंघ के अंदर रहने वाले भाइयों ने इस क्रिस्टल्स को उठाने वाली संरचना को बनाने के माध्यम से किया था और इस प्रकार पृथ्वी के चारों तरफ एक घेरा पूरा किया, क्योंकि यह उपकरण हमें इसे कंपन करने, सतह पर लाने में सक्षम था।

यह उपकरण अब अपनी ऊर्जा खो रही है। हम अब एक ही सवाल या फिर विषय के बारे में बता सकेंगे उसके बाद हम इस समय/स्थान से विदा लेंगे।

आपने यह बताया था कि…शुरुआत में पिरामिड में सबसे ऊपर उसकी चोटी पर एक कैपस्टोन था, यह किस चीज से बना था, और आप कैसे पिरामिड बनाने के लिए इतने भारी ब्लॉक्स को एक जगह से दूसरे जगह ले कर गये? उसके लिए किस तरीके का इस्तेमाल किया गया था?

हम रा हैं। हम विनती करते है कि इस सवाल को अगले सत्र के लिए रख दिया जाए, जैसा कि आप इसे हमारी ऊर्जाओं द्वारा उत्पन्न होने वाली विकृति की साझेदारी कह सकते है।

यदि इस मन/शरीर/आत्मा [समूह] के अच्छे तरीके से इस्तेमाल के बारे में आपके पास कोई सवाल है, तो उसे अभी पूछने के लिए हम आपकी सराहना करेंगे।

आप ऐसा सोचे कि मैंने यह सवाल आपसे पूछ लिया है। मेरा मतलब है, मेरे पास आगे बढ़ने के लिए कुछ भी नहीं है। इस उपकरण का उचित इस्तेमाल क्या है? हमें उसकी क्षमता…जैसे की आराम, तरोताज़ा करने, इत्यादि को बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?

हम रा हैं। हमें ख़ुशी है कि आपने हमसे यह सवाल किया है क्योंकि यह हमारी समझ नहीं है कि हमारे दर्शन के अलावा किसी भी विषय पर बिना किसी के सीधे सवाल के अपनी अवधारणा को साझा ना करना हमारा अधिकार/कर्तव्य है। हालांकि, अब हम कहेंगे कि यह मन/शरीर/आत्मा [समूह] का इस्तेमाल सही से ना करने के कारण उसका शरीर अनावश्यक रूप से थका हुआ महसूस हो रहा है।

कंपनताओं को आसानी से चारो तरफ एक का घेरा बना कर और निम्नलिखित संवाद करते हुए मौखिक कंपन द्वारा शुद्ध किया जा सकता है:

सवाल : "नियम क्या है?" जवाब : "नियम एक है।" सवाल : "हम यहाँ क्यों है?" जवाब : "हम एक का नियम चाहते है। सवाल : "हम रा को क्यों ढूंढ रहे है?" जवाब : "रा एक के नियम का एक विनम्र दूत है।" दोनों साथ में : “तब आनन्द मनाओ, और एक के नियम में इस स्थान को शुद्ध करो। किसी भी तरह के विचार-रूप को उस घेरे में प्रवेश ना करने दें जो हमने इस उपकरण के चारों तरफ बनाया है, क्योंकि नियम एक है।

इस समय इस उपकरण को समाधी की अवस्था मे होना चाहिए। उचित सीध के लिए उसका सिर बीस डिग्री उत्तर-पूर्व के उत्तर दिशा की ओर करना सही होगा। यही वो दिशा है जहां से सबसे नई, या नए युग की, प्रेम/रोशनी की विकृतियां, जो कम विकृत है, निकल रही है, और इस उपकरण को इसमें आराम मिलेगा। यह एक संवेदनशील उपकरण है, जिसका अर्थ है कि उसके मन/शरीर/आत्मा समूह में प्रवेश करने वाली विकृतियाँ उसकी किसी भी इंद्रिय से आती है। इस प्रकार, यह करना अच्छा होगा :

इस इकाई के सिर के तरफ पवित्र पानी का एक प्याला रख दीजिए।

बीच में, वो पवित्र ग्रन्थ रखिये जिसे आप बाइबिल कहते है, जो उपकरण की मानसिक विकृतियों के साथ सबसे अधिक निकटता से जुड़ी हुई है और एक के नियम के साथ सबसे अधिक निकटता से जुड़ी हुई है, जिसे यह उपकरण सबसे अधिक बार छूती है।

बाइबिल के दूसरे तरफ थोड़ी मात्रा में सुगंध या अगरबत्ती, पवित्र धुपदानी में लगा लीजिये।

पवित्र ग्रन्थ के पीछे की ओर एक का प्रतीक गॉस्पेल ऑफ जॉन के पहले अध्याय का पन्ना भी खोल दीजिये, और एक सफेद मोमबत्ती भी रख दीजिये।

सफ़ेद वस्त्र पहनने से इस उपकरण को ताकत मिलती है। उपकरण अच्छे से ढकी हुई और लेटी हुई होनी चाहिए, आँखें ढकी हुई होनी चाहिए।

हालांकि हमें यह लगता है कि, यह गतिविधि/परिस्थिति का एक मिश्रण है और एक उद्देश्यपूर्ण सिखाने/सीखने के अनुभव से बहुत विकृत लग सकता है, हमारा मानना है कि समाधी की तरीकों पर यह विस्तार इस उपकरण के आसपास के लोगों के डर को शांत कर देगा क्योंकि वो उपकरण की थकान के प्रति विकृति में सुधार महसूस करेंगें। हम केवल यह जोड़ते है कि यदि यह सिखाने/सीखने के सत्र ऐसे समय/स्थान में आयोजित किए जायें जब आपके कमरे में सूर्य की रोशनी नहीं होती हो, इसलिए यह कार्य सूर्योदय से पहले करनें से, इस उपकरण को कॉल करना सबसे अच्छा होगा।

हम रा हैं। हम आपको एक रचयिता की महिमा और शांति में छोड़ते है। प्रेम/रोशनी में आनन्दित रहें, और एक रचयिता की शक्ति में आगे बढ़ें। आनंद में हम आपको छोड़ रहें है। अडोनाई।